गांधी जयंती के अवसर पर “जय हो” एक सामाजिक संस्था ने शुरू किया एक अनौखा आंदोलन
सुन्दर लाल शर्मा गौतम बुद्ध नगर

दादरी तहसील में सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ “मौन उपवास” पर बैठ रखी क्षेत्र की तीन बड़ी समस्याओं के निस्तारण की मांग
ग्रेटर नोएडा, 2 अक्टूबर 2024। जिले की जानी मानी सामाजिक संस्था “जय हो” ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर आज एक अनौखे आंदोलन की शुरूआत की है। जिसके तहत “जय हो” एक सामाजिक संस्था के सैकड़ों कार्यकर्ता अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में दादरी तहसील में “मौन उपवास” पर बैठ गए हैं।
संस्था ने यह “मौन उपवास” दादरी क्षेत्र की तीन बड़ी समस्याओं के निस्तारण की मांग को लेकर शुरू किया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि शासन प्रशासन में बैठे अधिकारी उनके इस गांधीवादी आंदोलन की भाषा को कितना समझ पाते हैं और उनकी समस्याओं का निस्तारण कब तक होगा।
“जय हो” एक सामाजिक संस्था के अध्यक्ष दिनेश भाटी ने बताया कि दादरी क्षेत्र के लोग इन दिनों तीन बड़ी समस्याओं को लेकर परेशान हैं। जिन्हें लेकर उनकी संस्था के द्वारा आज दादरी तहसील में सुबह 9 बजे से 2 बजे तक का मौन “मौन उपवास” रखा है। जिसकी अध्यक्षता संस्था के संरक्षक एवं वरिष्ठ समाजसेवी सुधीर वत्स के द्वारा की गई है। उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दादरी मुख्य तिराहे से लेकर सूरजपुर घंटा चौक तक का जरजर सड़क मार्ग और उसपर निरंतर रहने वाला जल भराव, दादरी नगर में करोड़ों रूपए की लागत से बनी पानी की टंकियों से 10 वर्ष बीतने के बाद भी एक बूंद शुद्ध पेयजल की आपूर्ती नहीं होना और तीसरी बड़ी समस्या क्षेत्र से होकर गुजरने वाला नेशनल हाईवे 34 है। जिसपर करीब 10 वर्षों से टोल वसूली किए जाने के बाद भी आज तक सर्विस रोड़ और नाले का निर्माण नहीं किया जा सका है। जिसकी वजह से छपरौला से लाल कुआं तक भयंकर जाम की स्थिती बनी रहती है। वहीं रोड़ के दोनों ओर नाले का निर्माण नहीं होने के कारण गांवों में पानी निकासी का कोई रास्ता नहीं है।
इस अवसर पर “जय हो” एक सामाजिक संस्था के संस्थाप संयोजक कपिल शर्मा एडवोकेट ने कहा कि आज उन्होंने अपने इस आंदोलन की शुरूआत गांधीवादी तरीके से “मौन उपवास” रखकर की है। क्योंकि महात्मा गांधी समेत कई बड़े विचारकों ने कहा है कि मौन रहना सात भाषाओं के समतुल्य है। अब देखतें हैं कि शासन प्रशासन में बैठे अधिकारी हमारी इस गांधीवादी भाषा को कितना समझते हैं और कब तक क्षेत्र की समस्याओं का हल कराते हैं। यदि इसके बावजूद हम लोग बोलने पर मजबूर हुए तो आवाज लखनऊ तक पहुंचेगी। क्योंकि इसके बाद संस्था के कार्यकर्ता एक माह बाद इसी स्थान पर आमरण अनशन करने के लिए मजबूर होंगे।
इस अवसर पर संस्था के महासचिव परमानंद कौशिक, संयोजक संदीप भाटी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष याकूब मलिक, सचिव सुनील कश्यप, समाजसेवी प्रमोद शर्मा एडवोकेट, जिलाध्यक्ष सचिन शर्मा एडवोकेट, दीपक शर्मा एडवोकेट, विक्रांत शर्मा, जावेद मलिक, हारून सैफी, अभिषेक मैत्रेय, टीकाराम शर्मा, सुधीर गौड़, सुभाष सिंह, सतीश शर्मा, भगत सिंह, मनोज नागर, शिव प्रताप राठी आदि लोग मौजूद रहे।