भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए मानक तय, संघ की सहमति से बनेगी बात।
सुन्दर लाल शर्मा गौतम बुद्ध नगर

( नितिन गडकरी,शिवराज सिंह, संजय जोशी के नाम पर चर्चा )
गाजियाबाद(उ•प्र•)इस समय सोशल मीडिया व मेन स्ट्रीम मीडिया में सबसे ज्यादा चर्चा भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर है l वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 2023 में पूर्ण हो चुका है lविगत दो वर्षों से किन्ही कारणों से उनके कार्यकाल को विस्तार मिलता रहा है lभारतीय जनता पार्टी के संविधान के अनुसार एक पद-एक व्यक्ति की व्यवस्था है l
बावजूद इसके वे राष्ट्रीय अध्यक्ष,कैबिनेट मंत्री तथा राज्यसभा में दल के नेता की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं l जानकारी में रहे कि 2029 लोकसभा चुनाव तथा इससे पहले 12 राज्यों के चुनाव नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में ही लड़े जाएंगे l नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन मे विलंब का कारण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा भाजपा मे असहमति होना बताया जा रहा है l सामान्यतः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने आनुषगिक संगठन के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करता जब तक कि वह उसके मूल सिद्धांतों के विरुद्ध न हो l पिछले 11 वर्षों मे संघ ने भाजपा तथा सरकार के कार्यों मे कोई हस्तक्षेप नहीं किया l निसंदेह मोदी सरकार ने संघ के अनुरूप राम मंदिर निर्माण, धारा 370 जैसे मुद्दों को सुलझाते हुए राष्ट्र सुरक्षा,आतंकवाद तथा विदेश नीति पर बेहतरीन कार्य किया है
11 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी भाजपा लोकप्रियता में कोई विशेष कमी नहीं है इस समय नरेन्द्र मोदी भाजपा के सबसे बड़े नेता के रूप में प्रतिस्थापित हैं परंतु संघ भूत और वर्तमान परिस्थितियों का निरीक्षण,परीक्षण कर भविष्य के लिए योजना बनाता है वैसे भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मूल में संगठन है। व्यक्ति गौड़ है विचार ही शाश्वत है l सत्ता उस नदी की तरह होती है जो वर्षा ऋतु मे बहुत सी अवांछनीय वस्तुओं से लबालब भर जाती है एक समयावधि के पश्चात नदी के मूल में उसका प्राकृतिक प्रवाह ही शेष बचता हैl एक कालखंड मे चुनाव जीते जा सकते हैं सरकारें बनाई जा सकती हैं l इससे पूर्व में भी हमने इस तरह के मशीनी दलों को देखा है जो आज लुप्त प्राय हैं l इसलिए संघ चाहता है कि भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो अनुभवी स्पष्ट दृष्टया,ऊर्जावान,संगठन की मूल भावना से ओतप्रोत तथा कार्यकर्ता – सरकार के बीच सेतु का कार्य कर सके और वैचारिक कार्यकर्ताओं के मध्य सकारात्मक संदेश देने वाला होl पूर्व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री संजय भाई जोशी इन सभी मानकों पर खरे उतरते हैं इसलिए संघ उनका नाम बढ़ा रहा है l ध्येय बड़ा है राष्ट्र निर्माण इसलिए संगठन रूपी सरिता का अविरल प्रवाह जीवित रखना अपरिहार्य हैl जिससे 2047 विकसित भारत का सपना पूर्ण हो सके l पिछले लगभग एक वर्ष में वैचारिक कार्यकर्ताओं के मध्य संजय जोशी की बढी लोकप्रिययता ने समस्त संघ परिवार को सोचने पर विवश किया है। वैसे विकल्प के तौर पर संघ अपने तरकस में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी,शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर और पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सिंधिया के नाम भी रखे हुए है। आगे आने वाला समय भाजपा में बडे बदलाव का संकेत दे रहा है।फिलहाल कार्यकर्ता संघ नेतृत्व और भाजपा नेतृत्व के निर्णय की ओर नजर लगाए हुए हैं।