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थाना सेक्टर-24 नोएडा पुलिस द्वारा मुठभेड़ के दौरान चोरी करने वाले गैंग का एक अभियुक्त घायल अवस्था में व एक अन्य अभियुक्त कांबिंग के दौरान गिरफ्तार, कब्जे से चोरी की घटनाओ में प्रयुक्त एक मोटरसाइकिल, अवैध हथियार, कीमती आभूषण व चोरी की विभिन्न घटनाओं से संबंधित 31,000 रुपये नगद व एक सब्बल बरामद।

सुन्दर लाल शर्मा गौतम बुद्ध नगर

 

दिनांक 28.01.2025 को सेक्टर-24 पुलिस द्वारा चेकिंग के दौरान सेक्टर-56 टी पाइंट के पास हुयी मुठभेड़ में अभियुक्त 1.विजय सिंह उर्फ अजूबा उर्फ ढाबा पुत्र राजवीर सिंह निवासी पुरानी त्रिलोकपुरी, थाना मयूर विहार फेस-1, नई दिल्ली वर्तमान पता नया भील अकबरपुर भॉटी होटल के पास, थाना दादरी, उम्र करीब 32 वर्ष को घायल अवस्था में व अभियुक्त 2 शिवम पुत्र राजराय निवासी काकर बीटा जिला जाया (नेपाल) वर्तमान पता नया भील अकबरपुर भॉटी होटल के पास, थाना दादरी जनपद गौतमबुद्धनगर, उम्र करीब 28 वर्ष को कांबिंग के दौरान गिरफ्तार किया गया है।

अभियुक्तों के कब्जे से एक अवैध तमंचा मय 01 खोखा कारतूस व 01 जिन्दा कारतूस, एक अवैध चाकू, चोरी की घटनाओं में प्रयुक्त एक मोटरसाइकिल एवेंजर रजि0 नं0 डी0एल0 7 एस0सी0टी0 0932 व थाना सेक्टर-24 नोएडा पर पंजीकृत मु0अ0सं0 044/2025 धारा 305(ए) बी0एन0एस0 से सम्बन्धित कुल 8500 रुपये नगद, एक मंगल सूत्र, एक चैन, तीन अंगूठी, तीन टोप्स, चार नाक की कील, एक कुंडल पीली धातु, पाजेब 10 जोडी, बिछवे 06 जोडी, एक कमर बन्द सफेद धातु व एक सब्बल तथा मु0अ0सं0 047/2025 धारा 304/317(2)/3(5) बीएनएस से सम्बन्धित कुल 22,500 रुपये नगद बरामद हुए है।

*अपराध करने का तरीकाः*

अभियुक्तों द्वारा महंगे सेक्टरो को निशाना बनाते हुए घूम-फिरकर जिन घरो में ताला लगा होता है उनकी रैकी करके अवसर पाते ही चोरी की घटना को अंजाम दिया जाता है। अभियुक्त, आस-पास स्थित दुकानो के बगल भीड़-भाड़ वाले स्थान पर मोटरसाइकिल खडी कर पैदल ही सैक्टरो/घरो की रैकी करते थे। यदि किसी के द्वारा आते-जाते समय रोका टोका जाता था तो अपने आप को रेस्टोरेन्ट/ढाबे में काम करने वाले बताते हुए निकल जाते थे।

*पूछताछ का विवरणः*

अभियुक्तों ने पूछताछ के दौरान बताया कि हम दोनो बन्द पडे मकान व दुकानों की रैकी करते है तथा सोसाइटी में फ्लैट/मकान/दुकानो का ताला तोड़कर अन्दर घुसकर कीमती सामान व नगदी की चोरी करते है। चोरी की वारदातो को अंजाम देने के बाद हिस्से में जो रुपये आते थे, वह हम आपस में बांट लेते थे।

 

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