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दादरी अनेक स्थानों पर स्कूल बसों एवं वेन आने को संस्थाओं के द्वारा प्रयोग की जा रही हैं
सुन्दर लाल शर्मा गौतम बुद्ध नगर
उनमें किसी भी प्रकार के मानकों को ध्यान में नहीं रखा जाता एक बेन में करीब 22 बच्चे संस्थान में शिक्षा प्राप्त करने के लिए ले जाए जाते हैं मगर ट्रैफिक पुलिस मात्र मूक दशक बनी रहती है आए दिन हादसों में बच्चे घायल हो जाते हैं मगर नहीं तो संस्थाओं को और ना ही ट्रैफिक पुलिस को इस तरफ ध्यान दिया जा रहा है

यह बहुत ही दुखद है अगर एक बार कोई बड़ा हादसा हो भी जाता है तो संस्थाओं के प्रबंधन उसे किसी तरह माइलेज करते हैं समय रहते अगर इस तरफ ध्यान नहीं दिया जाता है तो और कोई घटना हो जाती है तो इसका दायित्व संस्थान लेगा या ट्रैफिक पुलिस यह एक सोचनीय स्थित है









