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थाना दादरी पुलिस द्वारा फर्जी तरीके से क्रेडिट कार्ड व लोन कराने वाले गैंग के 02 अभियुक्त गिरफ्तार, कब्जे से 206 कार्ड (डेबिट/क्रेडिट) भिन्न भिन्न बैंक के, 58 पासबुक, 40 आधार कार्ड, 40 पैन कार्ड, 70 चैक बुक, 35 प्लास्टिक के फोल्डर किट, 06 पे0टी0एम स्वाइप मशीन, 30 मोबाइल एन्ड्राइड व 2 छोटे कीपैड मोबाइल भिन्न भिन्न कम्पनी एवं टाटा हैरियर कार बरामद

सुन्दर लाल शर्मा गौतम बुद्ध नगर

 

*कार्यवाही का संक्षिप्त विवरण*
थाना दादरी पुलिस द्वारा फर्जी तरीके से क्रेडिट कार्ड व लोन कराने वाले अभियुक्तगण के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए दिनांक 16.10.2024 को 02 अभियुक्त 1. गोविन्द सिंह पुत्र हितेन्द्र सिंह 2. विशाल चन्द्र सुमन पुत्र श्री सुमन कुमार सिन्हा को 206 अदद कार्ड (डेबिट$क्रेडिट) भिन्न भिन्न बैंक, 58 पासबुक, 40 आधार कार्ड, 40 पैन कार्ड, 70 चैक बुक, 35 प्लास्टिक के फोल्डर किट,

06 पे.टी.एम स्वाइप मशीन, 30 मोबाइल एन्ड्राइड व 2 छोटे कीपैड मोबाइल भिन्न भिन्न कम्पनी व टाटा हैरियर कार रजि0नं0 एचआर 87 एन 2497 के साथ आरवी नौर्थलैण्ड फ्लाई ओवर पार करके सीएनजी पम्प से करीब 100 मीटर पहले से गिरफ्तार किया गया है।

*पूछताछ का विवरण*
अभियुक्तगण ने पूछने पर बताया कि दिनांक 07.10.2024 को हमारे पार्टनर मृतक अमित कुमार सिंह का मर्डर हो गया था। हम और हमारे अन्य साथी रामानन्द शर्मा उर्फ रमेश झा, सचिन तंवर उर्फ संदीप, अनुज यादव उर्फ करन, हिमांशु, ओमप्रकाश उर्फ शिवम उर्फ बैलू मृतक अमित कुमार सिंह के साथ मिलकर फर्जी तरीके से लोन कराने का काम करते थे। हम आधार कार्ड में रेन्ट एग्रीमेन्ट के आधार पर फर्जी तरीके से नाम, पता एवं मोबाइल नंबर बदलवाकर मृतक अमित कुमार सिंह की कम्पनी मैफर्स फैशन प्रा0लि0 की पे स्लिप के आधार पर बैक में खाता खुलवाते थे तथा उसमें 6 से 9 महीने तक सैलरी के नाम पर एक मोटी रकम ट्रान्सफर की जाती थी।

जिस व्यक्ति के नाम पर हम लोग लोन कराते थे उसके नाम पर एक नया मोबाइल व सिम भी खरीदते थे जो बैंक मे अपडेट कराया जाता था मोबाइल व सिम भी हम लोगो के पास ही रहता था । सिविल स्कोर बढाकर पे स्लिप के आधार पर 40-50 लाख का लोन व 2-3 लाख रूपये की लिमिट का क्रेडिट कार्ड जारी कराते थे। क्रेडिट कार्ड व बैंक खाते में आये लोन के रूपयों का एक्सेस खुद रखते थे जिस व्यक्ति के नाम पर क्रेडिट कार्ड एवं लोन जारी होता था उसे 40-50 हजार रुपये व किसी किसी को 1 लाख रूपये तक भी देते थे तथा शेष राशि का उपयोग स्वयं करते थे। लोन या क्रेडिट कार्ड की 2-3 ईएमआई जमा करते थे उसके बाद एडरेस बदल देते थे। दो तीन महीन बाद जब ई एम आई जमा नही होती थी तो बैंक वाले जब दिये गये पते पर सम्पर्क करते थे तो एड्रेस फर्जी होने के कारण वहां पर उन्हे कोई नही मिलता था और मोबाइल नंबर पर भी सम्पर्क नही होता था। लोन कराने पर जो रूपये बचते थे उसे मृतक अमित कुमार सिंह हमारे काम के हिसाब से हमे बांटकर देता था। एक व्यक्ति का लोन पास होने पर हम लोगो को कमीशन के नाम पर लगभग 4 से 5 लाख रूपये मिलते थे । हैरियर गाडी के बारे में पूछने पर बताया कि यह गाडी मृतक अमित कुमार सिंह की है उसने इसी तरह फर्जी लोन से कमाये हुए रूपयों से ली थी अभियुक्तगण के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।

*अपराध करने का तरीका*
अभियुक्तगण द्वारा आधार कार्ड में रेन्ट एग्रीमेन्ट के आधार पर फर्जी तरीके से नाम, पता एवं मोबाइल नंबर बदलवाकर कम्पनी मैफर्स फैशन प्रा0लि0 की पे स्लिप के आधार पर बैक में खाता खुलवाना तथा उसमें 6 से 9 महीने तक सैलरी के नाम पर एक मोटी रकम ट्रान्सफर करना तथा सिविल स्कोर बढाकर पे स्लिप के आधार पर 40-50 लाख का लोन व 2-3 लाख रूपये की लिमिट का क्रेडिट कार्ड जारी कराकर रूपयो का शौक मौज मे उपयोग करना ।

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